जयपुर। सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा है कि प्रदेश में बनने वाले आरओबी एवं आरयूबी के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग के अभियंता हर सम्भव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आरओबी एवं आरयूबी निर्माण से जुड़े भूमि अधिग्रहण तथा अन्य तकनीकी मसलों को सम्बंधित स्टेक-होल्डर्स के साथ समन्वय बनाकर हल करें।
श्रीमती गुप्ता पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में आरओबी-आरयूबी निर्माण तथा बिटुमिनस कार्यों में गुणवत्ता की सुनिश्चिता के लिए आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क निर्माण कार्यों में प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को डामर सड़कों से जोडऩे की योजना में भी अभियंताओं को प्लास्टिक अपशिष्ट काम में लेने की सम्भावनाओं पर विचार करना चाहिए।
पीडब्ल्यूडी शासन सचिव अनूप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि राज्य में सुरक्षित, सुगम और पर्यावरण के अनुकूल सड़कों का निर्माण करना ही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य के लिए राजमार्गों पर आरओबी डिजाइन करते समय निर्धारित मापदंडों पर अभियंताओं को पूरा ध्यान देना चाहिए।
मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में लगभग 40 स्थानों पर आरओबी-आरयूबी के निर्माण कार्य चल रहें हैं। इन्हें और आने वाले प्रोजेक्ट्स को और अधिक दक्षता से पूरा करने में ऐसी कार्यशालाओं से मदद मिलेगी। कार्यशाला में सात विभिन्न तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती गुप्ता ने इस अवसर पर गुणवत्ता नियंत्रण जांच से सम्बंधित विभाग की एक पॉकेट बुकलेट का विमोचन भी किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य मुख्य अभियंता, रेलवे के मुख्य अभियंता रामवतार सैनी, रेलवे, जेडीए, यूडीएच, आरएसआरडीसीसी, रूडसिको एवं डीएफसीसीआईएल के अधिकारी तथा प्रदेशभर से आए अधीक्षण अभियंता उपस्थित थे।
आरओबी व आरयूबी के निर्माण में गुणवत्ता का रखें ध्यान- वीनू गुप्ता